विज्ञान के छात्र इन चार विकल्पों को बतौर करियर चुन सकते हैं
विज्ञान एक ऐसा विषय है जो भारत जैसे देश में न केवल बच्चे मगर माता-पिता की भी पहली पसंद है। बचपन से हम डॉक्टर एवं इंजीनियर के बारे में सुनते चले आये है। हर विज्ञान चुनने वाला छात्र बड़े हो कर ज़्यादातर डॉक्टर या इंजीनियर बनने का ही ख्वाब देखता है। मगर इनके लिए होने वाली परीक्षायें, NEET व JEE इतने आसान नहीं है। इनमे परीक्षाओं में सफलता पाना काफी मुश्किल है और लाखों में से केवल कुछ बच्चों का इसमें चयन हो पता है। मगर इस बदलते दौर के साथ विज्ञान का स्वरुप भी काफी बदलता जा रहा है। इसकी कई शाखाओं पर अध्ययन कराया जा रहा है। हमारे देश के कई विश्वविद्यालयों में विज्ञान की इन्ही अंगों पर विशेष कोर्स शुरू किये गए हैं। इन्हे एप्लाइड साइंस भी कहा जाता है, आईये इनके बारे में जाने:
बायोमेडिकल साइंस
ये तीन साल के कोर्स छात्रों को ऐसा प्लेटफार्म उपलब्ध करता है जिसके माध्यम से वे बायोमेडिकल रिसर्च जैसे क्षेत्रों में भी जा सकते है। इसके तहत छात्र बायोकेमिस्ट्री , ह्यूमन जेनेटिक्स, मेडिकल बायोटेक्नोलॉजी, पैथोलॉजी, मेडिसिनल केमिस्ट्री व टेक्नोलॉजी आदि अनेक विषयों के बारे में बताया जाता है। इसमें रिसर्च के लिए एक प्रोजेक्ट बी दिया जाता है।
अर्थ साइंस
पृथ्वी के अंदर होने वाली हलचल और बदलाव का यह विज्ञान बखूबी अध्यन करता है। खनिज व अन्य कई पदार्थ ज़मीन के अंदर से ही निकाले जाते है। इनका अध्ययन विषय का हिस्सा बनता है। भूगर्व विज्ञान का नया रूप ही ान अर्थ साइंस के रूप में सामने आया है। इसमें अर्थ साइंस के विभिन्न पहलुओं जैसे भूभौतिकी , जल विज्ञान, समुद्र विज्ञान, पर्यावरणीय विज्ञान , वातावरणीय विज्ञान, मौसम विज्ञान, ग्रहिये विज्ञान को विस्तार रूप से पढ़ ने का मौका मिलता है।
रोबोटिक्स
स्वचालन और रोबोटिक इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी के अंतर्गत शुरू की गयी एक नयी श्रंखला है। इसमें रोब्वोत के नए विकास , स्वचालन और उनसे जुडी परिस्रतजीतियों का अध्ययन होता है। इसमें प्रवेश के लिए कम्प्यूटर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स,मैकेनिक्स विज्ञान और जीव विज्ञान की समझ अनिवार्य है। स्वचालन व रोबोटिक्स में छात्रों को कम्प्यूटर विनिर्माण सिस्टम, रोबोट मोशन, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, तकनिकी ड्रॉइंग्स, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तत्वों का विवरण व् विश्लेषण दे कर उनके बारे में बताया जाता है। अन्य विषय जैसे द्रव्य विज्ञान, रसायन विज्ञान , आई टी के सिद्धांत निर्माण मशीनरी जैसे विषयों का अध्ययन करवाया जाता है।
जेनेटिक्स
स्पेशलाइजेशन के इस दौर जेनेटिक इंजीनियरिंग में अपनी एक अलग पहचान बनायीं है। अति आधुनिक कहे जाने वाले इस विज्ञान में सजीव प्राणियों के डीएनए कोड में मौजूद गेनेटयीक्स को नयी तकनीक के जरिये प्ररिवर्तित व बदला जाता है। इस तकनीक से फसलें पैदा करने पर आसानी से कीट नहीं लगती है। जेनेटिक्स इंजीनियर या विशेषज्ञ बनने या इस क्षेत्र में जाने के लिए छात्रों को बारहवीं बायोलोजी, रसायनशास्त्र और गणित में पास होना अनिवार्य है।
देखा जाए तो विज्ञान के क्षेत्र में भी कई तरह के विभिन्न रास्ते है जिन्हे अपना कर भी इस क्षेत्र ने नाम कमाया जा सकता है व सफल हुआ जा सकता है।