क्या बनाता है लवली प्रोफेशनल यूनीवर्सिटी को बाकियों से खास? – Shiksha Shetra

क्या बनाता है लवली प्रोफेशनल यूनीवर्सिटी को बाकियों से खास?

शिक्षा के क्षेत्र में निजी शिक्षा संस्थानों का एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है. भारत के शिक्षा स्तर को निरंतर बेहतर करने के विषय में लाइव हिन्दुस्तान अपने डिजिटल कार्यक्रम ‘एजुकेशन फाउंडर सीरीज़’ के ज़रिए इन संस्थानों से बात करता है और जनता है इनके विचार और नीतियों के बारे में जो छात्रों को अधिक से अधिक लाभान्वित कर सकें. इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के एडिशनल डायरेक्टर, अमन मित्तल, जिन्होंने अपने और एलपीयू के विज़न को लेकर खुल कर बात की.

किसी छात्र के जीवन में ब्रांडिंग और पीआर का क्या महत्व रहता है?

अमन कुछ समय पहले तक डायरेक्टर ऑफ ब्रांडिंग एंड पीआर थे. इसी तर्ज पर जब उनसे पूछा गया कि किसी छात्र की सफलता में ब्रांडिंग और पीआर का क्या महत्व है तो उन्होंने पीआर की तुलना नेटवर्किंग से की और ब्रांडिंग की कॉन्फिडेंस और प्रेजेंटेशन से. अमन के मुताबिक आप अपने बारे में कुछ बोल पाएं ना बोल पाएं लेकिन उससे पहले खुद की ब्रांडिंग करना बेहद जरूरी होता है. कॉलेज की बात हो या व्यवसायी क्षेत्र में क्लाइंट के सामने कोई प्रोजेक्ट पिच करने की, आपका कॉन्फिडेंस और व्यक्तित्व एक महत्वपूर्ण योगदान देता है आपकी सफलता में. इसके अलावा नेटवर्किंग आपके लिए नए अवसर की राह खोलती है.

स्किल डेवलपमेंट में एलपीयू कैसे बाकी संस्थानों से कैसे बेहतर है?

अमन ने बताया की जब स्किल डेवलपमेंट की बात होती है तो एलपीयू पहले छात्र के लक्ष्य को समझने की कोशिश करती है. उनके मुताबिक हर छात्र का अलग लक्ष्य होता है, कोई ग्रेजुएशन के बाद नौकरी करना चाहता है, कोई विदेश में आगे की पढ़ाई. कोई नया स्टार्टअप शुरू करना चाहता है तो कोई सिविल सर्विस में जाना चाहता है. यूनिवर्सिटी पहले साल के बाद ही छात्रों से उनकी रुचि जान लेती है और फिर उन्हें उसी से संबंधित विषय पर तैयारी कराती है. छात्रों को वो ट्रेनिंग दी जाती है जिसकी इंडस्ट्री में ज़रूरत है या आने वाले समय में जिसकी जरूरत पड़ सकती है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी छात्र को स्टार्टअप शुरू करना है तो, एलपीयू उसे पहले मार्केटिंग, स्ट्रैटिजी और बिजनेस प्लान बनाना सिखाते हैं. उन्हें इंडस्ट्री से सीधे रूबरू कराते हैं, वेंचर कैपिटलिस्ट से मिलवाते हैं और उनके सामने वैसे ही प्रज़ेंटेशन दिलवाते हैं जैसे किसी स्टार्टअप की फंडिग के लिए किया जाता है. अमन ने उदाहरण देते हुए अपनी पूर्व छात्रा तान्या अरोड़ा का ज़िक्र किया जिसे माइक्रोसॉफ्ट में 42 लाख प्रतिमाह का पैकेज मिला था बतौर फ्रेशर. उनके मुताबिक वो ये इसलिए कर पाई क्योंकि उसकी मेहनत के साथ उसे एलपीयू में वैसी सुविधाएं और संसाधन भी मिले थे.

अब तक क्या उपलब्धियां रही हैं एलपीयू की?

2005 में जब लवली प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट एक यूनिवर्सिटी में तब्दील हुई तो अमन आईटी सेक्टर छोड़ कर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी दूरदर्शिता के साथ आ गए. उन्होंने बताया की एलपीयू का विज़न उन्हें यहां खींच लाया. उनके मुताबिक एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल इस यूनिवर्सिटी को देश की एक बेहतरीन यूनिवर्सिटी और दुनिया में एक अलग यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते हैं. अमन के मुताबिक एलपीयू हर रोज़ सफलता की ओर कदम बढ़ा रही है. अब तक इंजीनियरिंग में एलपीयू टॉप 100 यूनिवर्सिटीज में से एक है, मैनेजमेंट में टॉप 50 में एक और फार्मेसी टॉप 30 में एक है. उन्हें उम्मीद है की 2021 की रेटिंग में एलपीयू और बेहतर स्थान पर आएगी क्योंकि कोविड के दौरान भी यूनिवर्सिटी ने प्लेसमेंट और स्टार्टअप से संबंधित काफी उपलब्धियां हासिल की हैं. अमन ने बताया की एलपीयू का छात्र एथलेटिक्स मीट में जा रहे हैं और टोक्यो में होने वाले ओलंपिक्स में भी भाग लेने की तैयारी है. आगे एलपीयू का टारगेट सिर्फ पंजाब या भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की टॉप 200 यूनिवर्सिटीज में से एक होने का है.

अगले 10 सालों में एलपीयू को कैसे देख रहे हैं?

अगले एक दशक के एलपीयू के प्लान की बात पर अमन ने बताया की यूनिवर्सिटी का सबसे ज्यादा ध्यान रिसर्च पर होने वाला है. उनके मुताबिक विश्व रैंकिंग की बात जब होती है तो भारत रिसर्च में काफी पीछे रहता है. इसके अलावा एलपीयू गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी विश्वविख्यात कंपनियों के साथ पहले से ही मिल कर काफी काम कर रही है और आने वाले समय में इस पर और ध्यान दिया जाएगा जिससे एलपीयू के छात्रों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके.