बेबी की मालिश मां और बच्चे के बीच भावनात्मक संबंध को मजबूत करती है। यह बेबी के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। बेहतर रक्तसंचार और अच्छी व गहरी नींद में इसकी अहम भूमिका है। आइए जानते हैं बेबी की मालिश को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए कुछ कारगर टिप्स।
बेबी मसाज भारतीय संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा है। इससे शिशु का रक्तसंचार तो बेहतर होता ही है साथ ही वेट गेन, सही पोषण, हेल्दी स्किन जैसे कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। बेबी मसाज के महत्व को पहचानते हुए, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) ने नवजात शिशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण बाल चिकित्सा त्वचा देखभाल सुनिश्चित करने हेतू कुछ दिशानिर्देश दिए हैं। आईएपी दिशानिर्देशों के अनुसार, मसाज के दौरान तेल का उपयोग करना फायदेमंद है क्योंकि यह पोषण प्रदान करता है और वजन बढ़ाने में सहायक है। शोध से पता चला है कि तेल से मसाज करने से बेबी के तनाव का स्तर कम होता है। हालांकि आईएपी बेबी मसाज के लिए प्राकृतिक जैतून तेल और सरसों के तेल से बचने की सलाह देता है, क्योंकि ये त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
गर्मी के महीनों में यह सुनिश्चित करें कि मसाज ठंडे हवादार कमरे में की जाए ताकि बेबी को आराम मिले। अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए, दिन के ठंडे वक्त, जैसे सुबह या शाम के दौरान मसाज करने की सलाह दी जाती है।
गर्मियों में मसाज के लिए सही तेल का चयन बहुत जरूरी है। आईएपी के मुताबिक बेबी की मसाज के लिए गाढ़े तेल का प्रयोग न करें और मसाज से पूर्व तेल को गर्म न करें। इसके बजाय, माता-पिता को विटामिन ई से समृद्ध लाइट वेट, नॉन - स्टिकी ऑयल का चयन करना चाहिए, जो विशेष रूप से बेबी के लिए तैयार किए गए हैं। शुद्ध विटामिन ई से समृद्ध जॉनसन्स बेबी ऑयल इस उद्देश्य के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है। इसके लाइट वेट और नॉन स्टिकी गुण त्वचा की कंडीशनिंग उसे शुष्कता से बचाने में मदद करते हैं। साथ ही यह पैराबेंस, डाई और थैलेट्स जैसे हानिकारक रसायनों से मुक्त है।
मसाज शुरू करने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर यह सुनिश्चित कर लें कि यह आपके बेबी के लिए सुरक्षित और उपयुक्त है। गर्मियों में नहाने से पहले और सर्दियों में नहाने के बाद मसाज करें। किसी भी असुविधा से बचने के लिए मसाज करने का ऐसा समय चुनें जब आपका बेबी शांत हो। धीरे-धीरे मालिश करें। आप जेंटल स्ट्रोकिंग मूवमेंट से मसाज कर सकती हैं।
लाभ को अधिकतम करने लिए बेबी की मालिश उसकी उम्र और विकासात्मक अवस्था के अनुरूप की जा सकती है।
नवजात शिशु के लिए मसाज : नवजात शिशुओं के लिए, जिनकी त्वचा पहले वर्ष के दौरान लगातार विकसित हो रही है, बाल रोग विशेषज्ञ से राय लेने के बाद शुरू करना महत्वपूर्ण है। शुरुआती हफ्तों में, पैरों से शुरू करते हुए नीचे की ओर जाते हुए जेंटल स्ट्रोक का उपयोग करें। टमी की मसाज करते समय, सुनिश्चित करें कि अंबिलिकल कार्ड एरिया को ठीक से डिसइनफेक्ट किया गया है । वहां से, पीठ की ओर जाएं, गर्दन से नीचे तक धीर-धीरे मसाज करें व पैरों की धीरे-धीरे मसाज करके समाप्त करें।
छह सप्ताह से अधिक : छह सप्ताह और उससे अधिक उम्र के शिशु अधिक व्यवस्थित होते हैं, जिससे वे पूरी मसाज के लिए तैयार हो जाते हैं। इससे माता-पिता को बेबी के साथ बेहतर समन्यवय बनाने का वक्त मिलता है। 'आई लव यू' या आईएलयू स्ट्रोक टमी के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अपनी उंगलियों का उपयोग करके हाथों और चेहरे पर हल्की मसाज करने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।
छह महीने और उससे अधिक : इस उम्र के बेबी के लिए, जो अधिक सक्रिय हैं और हिलने-डुलने, बैठने या खड़े होने का प्रयास कर सकते हैं, मसाज अधिक रचनात्मक और आनंददायक हो सकता है। मौसम चाहे जो भी हो, नियमित ऑयल मसाज बेबी स्किन केयर रूटीन का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक/ब्रांड के हैं, न कि हिन्दुस्तान के।